MGNREGA MAHATMA GANDHI NATIONAL RURAL EMPLOYMENT GUARANTEE ACT: ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की नई उम्मीद

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MGNREGA MAHATMA GANDHI NATIONAL RURAL EMPLOYMENT GUARANTEE ACT: ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की नई उम्मीद

 

MAHATMA GANDHI NATIONAL RURAL EMPLOYMENT GUARANTEE ACT (MGNREGA) भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की गारंटी प्रदान करने वाला एक महत्वपूर्ण सरकारी योजना है। इसे 2005 में पारित किया गया था और 2006 में लागू किया गया। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सुरक्षा बढ़ाना और वयस्क श्रमिकों को 100 दिनों का सुनिश्चित रोजगार प्रदान करना है। इस ब्लॉग में, हम MGNREGA के तहत हालिया बदलावों, इसकी मूलभूत संरचना, और इसके प्रभाव के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

MGNREGA: एक संक्षिप्त परिचय

MGNREGA का पूरा नाम MAHATMA GANDHI NATIONAL RURAL EMPLOYMENT GUARANTEE ACT है। यह अधिनियम 23 अगस्त 2005 को पारित किया गया था और इसे 2 फरवरी 2006 को लागू किया गया। पहले इसे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA) के नाम से जाना जाता था। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक परिवार को प्रति वर्ष कम से कम 100 दिनों का मजदूरी रोजगार सुनिश्चित किया जाता है। इस योजना के तहत रोजगार मांगने वालों को एक जॉब कार्ड जारी किया जाता है, जो उन्हें योजना के तहत काम करने का अधिकार प्रदान करता है।

2023-24 के लिए नए वेतन दरें

मार्च 2023 में, सरकार ने MGNREGA के तहत अकुशल श्रमिकों के लिए नई वेतन दरों की घोषणा की। ये दरें 1 अप्रैल 2023 से लागू होंगी। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य महंगाई को ध्यान में रखते हुए श्रमिकों की आय को बढ़ाना है।

वेतन दरों में बदलाव:

  1. वेतन वृद्धि: 7 रुपये से 26 रुपये प्रति दिन, जो 2% से 10% तक की वृद्धि दर्शाती है।
  2. सर्वाधिक वेतन: हरियाणा में 357 रुपये प्रति दिन की दर से।
  3. न्यूनतम वेतन: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 221 रुपये प्रति दिन।
  4. सर्वाधिक प्रतिशत वृद्धि: राजस्थान में 10.39% की वृद्धि।

MGNREGA के तहत भुगतान प्रणाली

MGNREGA के तहत अब सभी भुगतान आधार आधारित भुगतान प्रणाली (ABPS) के माध्यम से किए जाएंगे। यह निर्णय श्रमिकों के लिए पारदर्शिता और समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। इसके साथ ही, वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए केंद्र सरकार ने MGNREGA योजना के लिए 72000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।

MGNREGA का इतिहास और विकास

MGNREGA का विचार 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव के शासनकाल में प्रस्तावित हुआ था। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे का विकास और खाद्य सुरक्षा बढ़ाना था। इस योजना को Employment Assurance Scheme (EAS) के रूप में शुरू किया गया था, जो बाद में Food for Work Programme के साथ विलय करके MGNREGA में तब्दील हो गया।

MGNREGA के उद्देश्य

MGNREGA का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सुरक्षा बढ़ाना है। इसके अलावा, यह योजना निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करने का प्रयास करती है:

  1. 100 दिनों का गारंटीकृत रोजगार: यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार व्यक्तियों को 100 दिनों का गारंटीकृत रोजगार प्रदान करती है।
  2. आर्थिक सुरक्षा में वृद्धि: यह योजना ग्रामीण परिवारों की आय में वृद्धि करके आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
  3. श्रमिकों का पलायन कम करना: इस योजना का एक अन्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में मजदूरों के पलायन को कम करना है।

MGNREGA के कार्यान्वयन में पारदर्शिता

MGNREGA की विशेषता यह है कि यह योजना पूरी तरह से मांग-आधारित है और इसमें श्रमिकों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए कानूनी प्रावधान हैं। यह योजना केंद्रीय सरकार द्वारा वित्त पोषित होती है, जो अकुशल श्रमिकों की पूरी लागत और कार्यों के लिए आवश्यक सामग्री की लागत का 75% वहन करती है। इस योजना के अंतर्गत किए गए कार्यों की केंद्रीय और राज्य सरकारें वार्षिक रिपोर्ट तैयार करके निरीक्षण करती हैं।

ग्राम सभा और ग्राम पंचायत की भूमिका

MGNREGA के तहत ग्राम पंचायतों को सार्वजनिक कार्यों के प्रबंधन और पंचायती राज संस्थानों को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी गई है। ग्राम सभा कार्यों की प्राथमिकता निर्धारित करती है, कार्यों की निगरानी करती है और सामाजिक ऑडिट के लिए मुख्य मंच के रूप में कार्य करती है।

ग्राम पंचायत की भूमिका इस प्रकार है:

  1. नौकरी के आवेदन प्राप्त करना: सभी आवेदनों की जांच और सत्यापन करना।
  2. जॉब कार्ड जारी करना: ग्रामीण परिवारों को जॉब कार्ड जारी करना।
  3. कार्य आवंटन: आवेदन प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर कार्य आवंटन करना।
  4. वार्षिक रिपोर्ट तैयार करना: योजना की उपलब्धियों को कवर करने वाली वार्षिक रिपोर्ट तैयार करना।
  5. रोज़गार दिवस का आयोजन: प्रत्येक वार्ड में मासिक रूप से रोज़गार दिवस का आयोजन करना।

राज्य सरकारों की भूमिका

MGNREGA योजना के कार्यान्वयन में राज्य सरकारों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। राज्य सरकारें अधिनियम के तहत राज्य की जिम्मेदारियों को निर्दिष्ट करती हैं, राज्य रोजगार गारंटी परिषद की स्थापना करती हैं, और राज्य रोजगार गारंटी निधि (SEGF) की स्थापना करती हैं। इसके अलावा, योजना के कार्यान्वयन के लिए ग्राम रोजगार सहायक (Gram Rozgar Sahayak), कार्यक्रम अधिकारी (PO) और अन्य स्टाफ की नियुक्ति की जाती है।

राज्य रोजगार गारंटी परिषद (SEGC)

राज्य रोजगार गारंटी परिषद (SEGC) राज्य सरकार को MGNREG योजना के कार्यान्वयन के लिए सलाह देने के लिए जिम्मेदार होती है। SEGC के कुछ महत्वपूर्ण कार्य निम्नलिखित हैं:

  1. योजना के कार्यान्वयन में सुधार की सिफारिश: योजना के कार्यान्वयन में सुधार के लिए सुझाव देना।
  2. योजना का मूल्यांकन और निगरानी: योजना का मूल्यांकन और निगरानी करना।
  3. कार्य प्रस्तावों की सिफारिश: केंद्रीय सरकार को कार्य प्रस्तावों की सिफारिश करना।
  4. वार्षिक रिपोर्ट तैयार करना: राज्य सरकार के सामने प्रस्तुत करने के लिए वार्षिक रिपोर्ट तैयार करना।

MGNREGA के लाभ और चुनौतियाँ

MGNREGA ने ग्रामीण भारत में रोजगार के अवसरों में वृद्धि की है और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया है। इस योजना ने मजदूरी अस्थिरता और श्रमिकों के शोषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा, इस योजना ने महिलाओं और पिछड़े वर्गों की भागीदारी को बढ़ावा दिया है, जिससे उन्हें रोजगार और आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त हुई है।

हालांकि, MGNREGA के क्रियान्वयन में कुछ चुनौतियाँ भी हैं। इनमें समय पर भुगतान न होना, कार्य की गुणवत्ता में कमी, और भ्रष्टाचार के मामले शामिल हैं। इसके अलावा, योजना के तहत उपलब्ध धनराशि की कमी और आवश्यक संसाधनों की कमी भी एक बड़ी चुनौती है।

आगे की राह

MGNREGA की सफलता के लिए आवश्यक है कि सामाजिक ऑडिट को मजबूत किया जाए, योजना के तहत भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की जाए, और धनराशि के प्रबंधन में सुधार किया जाए। इसके अलावा, महिलाओं और पिछड़े वर्गों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए जागरूकता बढ़ाने और इसे अधिक समावेशी बनाने की दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए।

MGNREGA के तहत हालिया बदलाव और योजनाओं की जानकारी UPSC परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है। यह योजना न केवल प्रारंभिक परीक्षा बल्कि मुख्य परीक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। उम्मीदवारों को योजना के कार्यान्वयन, इसके लाभों और चुनौतियों के बारे में विस्तृत जानकारी होनी चाहिए, जिससे वे बेहतर उत्तर लिख सकें और परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकें।

निष्कर्ष

MGNREGA भारतीय ग्रामीण समाज के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसने रोजगार और आर्थिक सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह योजना ग्रामीण श्रमिकों के लिए रोजगार की एक नई उम्मीद लेकर आई है और उन्हें सम्मानजनक जीवन यापन का अवसर प्रदान किया है। हमें उम्मीद है कि MGNREGA योजना के सुधार और बेहतर क्रियान्वयन से ग्रामीण भारत की तस्वीर और भी बेहतर होगी।

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